Wednesday, July 25, 2012

मच्छर चालीसा !!

 

मच्छर चालीसा !!

जय मच्छर बलवान उजागर, जय अगणित रोगों के सागर ।
नगर दूत अतुलित बलधामा, तुमको जीत न पाए रामा ।

गुप्त रूप घर तुम आ जाते, भीम रूप घर तुम खा जाते ।
मधुर मधुर खुजलाहट लाते, सबकी देह लाल कर जाते ।

वैद्य हकीम के तुम रखवाले, हर घर में हो रहने वाले ।
हो मलेरिया के तुम दाता, तुम खटमल के छोटे भ्राता ।

नाम तुम्हारे बाजे डंका ,तुमको नहीं काल की शंका ।
मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारा, हर घर में हो परचम तुम्हारा ।

सभी जगह तुम आदर पाते, बिना इजाजत के घुस जाते ।
कोई जगह न ऐसी छोड़ी, जहां न रिश्तेदारी जोड़ी ।

जनता तुम्हे खूब पहचाने, नगर पालिका लोहा माने ।
डरकर तुमको यह वर दीना, जब तक जी चाहे सो जीना ।

भेदभाव तुमको नही भावें, प्रेम तुम्हारा सब कोई पावे ।
रूप कुरूप न तुमने जाना, छोटा बडा न तुमने माना ।

खावन-पढन न सोवन देते, दुख देते सब सुख हर लेते ।
भिन्न भिन्न जब राग सुनाते, ढोलक पेटी तक शर्माते ।

Tuesday, July 24, 2012

What is Tension ?


What Is Real Tension ... ...?

 एक सुन्दर लड़की ने आप से लिफ्ट मांगी
रस्ते में उसकी तबियत ख़राब हो गयी
आप उसे हॉस्पिटल ले गए,
डॉ. बोला आप बाप बनने वाले हो
लो जी हो गयी टेंशन
आप बोले मै इसका बाप नहीं हूँ,
फिर लड़की बोली यही इसका बाप है और टेंशन
पुलिस आई आपका मेडिकल चेक अप हुआ

Monday, July 23, 2012

दो चिड़ियों की प्रेम कहानी |



दो चिड़ियों की प्रेम कहानी |

एक दिन चिड़ा बोला - मुझे छोड़कर कभी तुम उड़ तो नहीं जाओगी,
चिड़िया - उड़ जाउ तो तुम पकड़ लेना,
चिड़ा - मैं तुम्हे पकड़ सकता हूँ पर फिर पा नही सकता,
चिड़िया की आँखो में आँसू आ गये और उसने अपने
पंख तोड़ लिए और बोली - अब हम साथ रहेंगे
एक दिन ज़ोर से तूफान आया, चिड़ा उड़ने लगा,
तभी चिड़िया बोली - तुम उड़ जाओ, मैं नही उड़ सकती,
चिड़ा - अपना ख्याल रखना कह कर उड़ गया |
जब तूफान थमा और चिड़ा वापस आया तो उसने देखा
कि चिड़िया मर चुकी थी... और एक डाली पर लिखा था ---

Sunday, July 22, 2012

मेरी प्रेम कहानी |


मेरी प्रेम कहानी |

मिला वो भी नही करते, मिला हम भी नही करते,
वफ़ा वो भी नही करते, दगा हम भी नही करते |
उन्हें रुसवाई का दुख, हमे तनहाई का डर,
गिला वो भी नही करते, सिकवा हम भी नही करते |
किसी मोड़ पर मुलाकात हो जाती है अक्सर,
रुका वो भी नही करते, ठहरा हम भी नही करते |
जब भी देखते है उन्हे सोचते है कुछ कहें उनसे,
सुना वो भी नही करते, कहा हम भी नही करते |

न हँसना बीमारी है |



न हँसना बीमारी है |

साहस करके बढ़ा चला जो, उसने बाजी मारी है |
थक कर बैठ गया जो कोई, जीती बाजी हारी है |
मेरे मुँह की बात नहीं है, संत जनों का कहना है |

Friday, July 20, 2012

|| आरती: श्री गूगल महाराज की ||


|| आरती: श्री गूगल महाराज की ||

ओम जय गूगल हरे !
स्वामी ओम जय गूगल हरे !!
प्रोग्रामर के संकट, डेवेलपर्स के संकट,
क्लिक मे दूर करे!!
ओम जय गूगल हरे !!
जो ध्यावे वो पावे,
दुख बिन से मन का, स्वामी दुख बिन से मन का,
होमपेज की संपत्ति लावे, होमवर्क की संपत्ति करावे
कष्ट मिटे वर्क का,
स्वामी ओम जय गूगल हरे!!
तुम पूरण सर्च इंजन
तुम ही इंटरनेट-यामी, स्वामी तुम ही इंटरनेट-यामी
पार करो हमारी सेलरी, पार करो हमारी एपराइसल,
तुम दुनिया के स्वामी,
स्वामी ओम जय गूगल हरे.
तुम इन्फारमेशन के सागर,
तुम पालन करता, स्वामी तुम पालन करता,
मैं मूरख खलकामी, मैं सर्चर तुम सर्वर-यामी
तुम करता धर्ता !!