मेरी प्रेम कहानी |
मिला वो भी नही करते, मिला हम भी नही करते,
वफ़ा वो भी नही करते, दगा हम भी नही करते |
उन्हें रुसवाई का दुख, हमे तनहाई का डर,
गिला वो भी नही करते, सिकवा हम भी नही करते |
किसी मोड़ पर मुलाकात हो जाती है अक्सर,
रुका वो भी नही करते, ठहरा हम भी नही करते |
जब भी देखते है उन्हे सोचते है कुछ कहें उनसे,
सुना वो भी नही करते, कहा हम भी नही करते |
लेकिन ये भी सच है कि, उन्हे भी है मोहब्बत हमसे,
इनकार वो भी नही करते, इज़हार हम भी नही करते ||
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